धर्म डेस्क:-वैदिक ज्योतिष में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है। इसके प्रभाव से व्यक्ति को भौतिक, शारीरिक और वैवाहिक सुखों की प्राप्ति होती है। इसलिए ज्योतिष में शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौन्दर्य, रोमांस, काम-वासना और फैशन-डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है।
कुंडली में मजबूत शुक्र का जातकों पर प्रभाव
जिन जातकों की कुंडली में शु्क्र ग्रह का प्रभाव सकारात्मक रहता है यानी शुक्र ग्रह बली होते हैं वे बहुत ही सुंदर और आकर्षक होते हैं। शुक्र ग्रह के कुंडली में मजबूत होने पर व्यक्ति का आत्मविश्वास ऊंचा होता है और वह सभी लोगों में काफी लोकप्रिय होता है। ऐसे जातक समाज में काफी ख्याति और मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। जब भौतिक सुखों में वृद्धि होने लगे तो यह शुक्र के शुभ संकेत हैं। व्यक्ति को किसी कार्य में अचानक से लगातार सफलताएं मिलने प्रारंभ होने लगे तो समझिए यह मजबूत शुक्र के संकेत हैं। जब व्यक्ति के जीवन में सुख-सुविधाओं और मान-सम्मान में वृद्धि होने लगे तो कुंडली में शुक्र मजबूत मजबूत होता है। कुंडली में शुक्र ग्रह के मजबूत होने पर व्यक्ति कला और मनोरंजन के क्षेत्र में सफलताएं प्राप्त करता है।
शुक्र दोष से मुक्ति के उपाय
शुक्र दोष से मुक्ति के लिए शुक्र ग्रह के मंत्र “शुं शुक्राय नम: या शुं शुक्राय नम:” का रोजना कम से कम 108 बार जाप करें। शुक्र दोष से मुक्ति के लिए किसी जरुरत मंद ब्राहमण को दूध, दही, घी, कपूर, सफेद फूल और सफेद मोती का दान करें।
हर शुक्रवार को व्रत रखते हुए सुबह मां लक्ष्मी की पूजा करें. उसके बाद खीर बनाकर छोटी कन्याओं को बांटे। रोजाना सुबह स्नानादि करके मां लक्ष्मी की पूजा करें उसके बाद आटे की रोटी सफेद गाय को खिलाएं। हर शुक्रवार के दिन आटे में चीनी मिलाकर चीटियों को खिलाएं।
शुक्र कुंडली के तीसरे भाव में हो तो
ऐसे लोग मनोरंजन प्रिय, हंसमुख, सामान्यतौर पर सुखी, धनवान, घूमना फिरना पसंद करने वाले और आर्ट लवर होते हैं। ऐसे लोगों को बहनों का सहयोग मिलता है। ऐसे लोगों को रंगमंच, होटल व्यवसाय व मनोरंजन के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है। ऐसे लोग लंबी यात्राएं पसंद करते हैं।
शुक्र से सम्बन्धित वस्तुओं से स्नान करना भी एक उपाय है। शुक्र का स्नान उपाय करते समय जल में बडी इलायची डालकर उबाल कर इस जल को स्नान के पानी में मिलाया जाता है। इसके बाद इस पानी से स्नान किया जाता है। स्नान करने से वस्तु का प्रभाव व्यक्ति पर प्रत्यक्ष रुप से पडता है।
ऐसे लोग आमतौर पर सुखी, लंबी उम्र, सुसंतानों से युक्त, आर्ट लवर, धनवान औऱ प्रकृति प्रेमी होते हैं। ऐसे लोग को सजावट और सुंदरता हमेशा पसंद आती है। व्यक्ति कला, रंगमंच, जुआ, बीयर बार, सौन्दर्य प्रसाधन व महिलाओं के सामान संबंधी व्यापार व व्यवसाय में सफल होता है।
मां लक्ष्मी की करें साधना
शुक्र ग्रह की शुभता को पाने के लिए शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी की विशेष रूप से पूजा करें और पूजा में कमल का फूल जरूर चढ़ाएं। साथ ही साथ लक्ष्मी सूक्त का पाठ भी करें।
दुर्गा मन्त्र का जाप शुक्र के इस उपाय में निम्न मन्त्र का जप किया जाता है।
“ॐ ऐ ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे ”
शुक्र के अशुभ गोचर की अवधि या फिर शुक्र की दशा में इस मन्त्र का जप प्रतिदिन या फिर शुक्रवार के दिन करने पर इस समय के अशुभ फलों में कमी होने की संभावना बनती है। मुंह के अशुद्ध होने पर मंत्र का जाप नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर विपरीत फल प्राप्त हो सकते हैं।
शिव की साधना है फलदायी
शुक्र ग्रह से जुड़े दोषों को दूर करने के लिए भगवान शिव की साधना भी अति फलदायी है। शुक्र की शुभता पाने के लिए प्रतिदिन भगवान शिव की सफेद पुष्प से पूजा करें।
रुद्राक्ष से दूर होगा शुक्र दोष
शुक्र ग्रह से जुड़े दोष को दूर करने के लिए रुद्राक्ष धारण करना भी अत्यंत शुभ होता है। शुक्र ग्रह की शुभता पाने के लिए छ: मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। छ:मुखी रुद्राक्ष धारण करने से शुक्र ग्रह के दोषों से मुक्ति और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
प्रमाण :- इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)
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