धर्म डेस्क:- कंस ने इसके लिए अपनी मुंह बोली बहन पूतना राक्षसी को भेजा था। पूतना भेष बदलने में माहिर थी और चमत्कारिक भी थी। बताया जाता है कि पूतना में 10 हाथियों जितना बल था। पूतना ने कृष्ण को मारने के लिए अपने स्तनों पर हलाहल विष लगा था। ताकि दूध के साथ विष भी अंदर चला जाए और कृष्ण की मौत हो जाए।
मान्यताओं के अनुसार भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं को सुनना और पढ़ना कई प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाला होता है। पूतना वध की कथा, प्रभु की लीलाओं में काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। पूतना राक्षसी, कंस की दासी थी, जिसे कंस ने भगवान कृष्ण के मारने के लिए गोकुल भेजा था। उसके पास रूप बदलने की शक्ति थी।
एक बार कंस ने पूतना नाम की राक्षसी को बाल कृष्ण का वध करने के लिए भेजा। जैसे ही पूतना गोकुल पहुंची, उसने एक सुंदर स्त्री का रूप धारण कर लिया। स्त्री का रूप धारण कर पूतना घर-घर जाकर कृष्ण की तलाश करने लगी। कृष्ण की खोज में पूतना को जो भी बालक मिलता, वो उसे अपने विष वाले दूध को पिलाकर मार देती।
जब पूतना कृष्ण के घर पहुंचती है, तब भगवान कृष्ण को पता चल जाता है कि वह एक राक्षसी है। पूतना कृष्ण को गोदी में उठाकर अपना विषैला दूध पिलाने लगती है। कृष्ण को दूध पीते देखकर पूतना सोचने लगती है कि अब यह मर जाएगा। भगवान कृष्ण कुछ देर बाद दूध पीते-पीते ही राक्षसी के प्राण खींचने लगते हैं। दर्द के कारण राक्षसी पूतना कृष्ण को आसमान की ओर लेकर उड़ जाती है और पास के जंगल में कान्हा सहित गिर जाती है। थोड़ी देर बाद ही राक्षसी के प्राण निकल जाते हैं। इस तरह भगवान कृष्ण राक्षसी पूतना का वध कर देते हैं।
धर्मग्रंथों के अनुसार भले ही पूतना राक्षसी थी, पर उसका यह रूप श्राप या कहें उसके उद्धार के लिए हुआ था। पूर्वजन्म में वह राजा बलि की बेटी रत्नमाला थी। जब भगवान वामन रूप में राजा बलि से दान लेने पहुंचे तो रत्नमाला उनके सौंदर्य पर मोहित हो गई। उसने मन ही मन विचार किया कि काश मेरे भी कोई ऐसा पुत्र होता जिसे मैं ह्रदय से लगाकर स्तनपान करा पाती।
प्रमाण :-
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(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)
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