धर्म डेस्क:- हनुमान जी को राम भक्त बताते हुए उनके बारे में रामायण, श्रीरामचरितमानस, महाभारत समेत कई हिंदू धर्म ग्रंथों में मिलती है। लेकिन ब्रह्मांडपुराण नाम के ग्रंथ में उनके बारे में कुछ बातें बताई गई हैं जिनका उल्लेख दूसरी जगहों पर नहीं मिलता है। खासतौर पर इसमें उनके परिवार के बारे में बताया गया है।
ब्रह्मांडपुराण में हनुमान जी के पिता केसरी और उनके पुत्रों के बारे में बताया गया है। इसमें वानर राज केसरी के कुल 6 पुत्र बताए गए हैं और अपने भाइयों में बजरंगबली को ज्येष्ठ बताया गया है। केसरीनंदन के पांच भाइयों के नाम इस तरह हैं- मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान और धृतिमान। इन सभी की संतानों का उल्लेख भी इस ग्रंथ में किया गया है। महाभारत काल में पांडु पुत्र व बलशाली भीम को भी हनुमान जी का ही भ्राता कहा गया है। वहीं इस ग्रंथ में हनुमान जी के पुत्र का वर्णन भी है जिसका नाम मकरध्वज बताया गया है।
हनुमान जी राम जी के भक्त थे यह तो सभी जानते हैं और हनुमान जी ने अपना पूरा जीवन राम जी की सेवा में पूरी तरह से समर्पित किया था। इसके बारें में श्रीरामचरितमानस में भी बताया गया है।
लेकिन हनुमान जी के भाईयों के बारे में और उनके परिवार के बारे में बहुत कम लोगों को जानकारी है। तो आज हम आपको बताएंगे कि हनुमान जी के भाई कौन कौन थे और उनके परिवार में कितने सदस्य थे।
हनुमान जी के पांच भाइ थे
आपको बता दें कि ब्रह्मांडपुराण नाम के एक ग्रंथ में हनुमान जी बारे में कुछ बातें बताई गई हैं जिसका उल्लेख दूसरी जगहों पर नहीं मिलता है।
ब्रह्मांडपुराण के अनुसार अपने भाइयों में हनुमान जी को सबसे बड़े थे। इसके बाद उनके बाकि 5 भाई थे जिनका नाम मतिमान, श्रुतिमान, केतुमान, गतिमान और धृतिमान था। इन सभी के नामों के बारे में इस ग्रंथ में बताया गया है। पर क्या आप जानते हैं कि महाभारत काल में पांडु पुत्र व अति बलशाली भीम को भी हनुमान जी का ही भाई कहा गया है।
हनुमान जी का परिवार
आपको बता दें कि इस ग्रंथ में उनके परिवार के बारे में भी बताया गया है। हनुमान जी के पिता का नाम केसरी था और आपको यह भी बता दें कि उनके पिता वायु देव भी माने जाते हैं। यह तो आप जानते ही होंगे की हनुमान का जन्म एक वानर के रूप में हुआ था। हनुमान जी की माता का नाम अंजनी था जो एक अप्सरा थीं।
उनकी माता को एक श्राप मिला था जिसकी वजह से उन्होंने वानर के रूप में एक पुत्र को जन्म दिया था। लेकिन एक पुत्र को जन्म देने के बाद वह इस श्राप से मुक्त हो गई थी। आपको बता दें कि पौराणिक कथाओं के अनुसार केसरी और अंजनी के 6 पुत्र बताएं गए हैं।
धार्मिक मान्यता के अनुसार हनुमान जी की पूजा मंगलवार और शनिवार को करना उत्तन माना जाता है। आपको बता दें कि फलों के राजा आम को हनुमान जी का प्रिय फल माना जाता है। ऐसा भी माना जाता है कि जहां भी आम और आम का पेड़ होता है वहां हनुमान जी की विशेष कृपा बनी रहती है। आम की लकड़ियों को हवन में उपयोग करने से भी वतावरण में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। इसके अलावा ऐसा भी माना जाता है कि प्रवेश द्वार पर आम की पत्तियां लटकाने से हनुमान जी घर की रक्षा करते हैं।
-ॐ हं हनुमंतये नम: मंत्र का जाप करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं. ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट का रुद्राक्ष की माला से जाप करने से भी हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं. संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा के उच्चारण से सभी बुरी शक्तियां दूर भाग जाती हैं. आरोग्य का वरदान मिलता है.(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
आम के पत्तों से मिलती है हनुमान कृपा
धार्मिक मान्यता के अनुसार आम को हनुमान जी का प्रिय फल माना जाता है। इसलिए जहां भी आम और आम का पत्ता होता है वहां हनुमान जी की विशेष कृपा बनी रहती है।
प्रमाण :-
इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)
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