धर्म डेस्क:- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गणेशजी और मां लक्ष्मी की मूर्ति को मंदिर में उत्तर दिशा में रखना चाहिए। इस मान्यता के पीछे भी एक पौराणिक कथा है। इसके अनुसार एक बार शिवजी ने गुस्से में आकर गणेशजी का सिर धड़ से अलग कर दिया था।प्रतिदिन सुबह उठकर अपने घर की साफ-सफाई करने के बाद स्नान करने के बाद शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए। ज्योतिष के अनुसार, ऐसा करने से घर में देवी-देवताओं का वास होता है और लक्ष्मी माता की कृपा बनी रहती है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, अगर आपके घर की प्रॉब्लम्स दूर न हो रही हों तो सुबह-सवेरे नित्यकर्मों से निवृत्त होने के बाद पानी का उपाय करें। इसके लिए सबसे पहले एक ग्लास पानी लें इसके बाद उसमें गंगाजल मिला लें और गायत्री मंत्र का 24 बार जप करें। फिर इस पानी को पूरे घर में छिड़क दें।
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री गणेश और धन की देवी माता लक्ष्मी जी की पूजा से मनुष्य के जीवन के सभी दुख दूर हो सकते हैं, भगवान गणेश जी की अगर किसी व्यक्ति पर कृपा बनी रहे तो उस व्यक्ति को रिद्धि सिद्धि की प्राप्ति होती है और माता लक्ष्मी जी की कृपा से मनुष्य के जीवन में सुख समृद्धि का आगमन होता है। सभी लोग भगवान की कृपा प्राप्त करने की हर संभव कोशिश करते हैं और इनकी पूजा-अर्चना करते हैं। परंतु लक्ष्मी-गणेश जी की कृपा प्राप्त करने के लिए इनकी पूजा विधि के बारे में जानकारी होना बहुत ही जरूरी है।
आपको किसी भी शुभ मुहूर्त में पूजा के लिए सुबह जल्दी उठना होगा और अपने सभी कार्यों से निवृत्त होकर स्नान कर लीजिए, स्नान करने के पश्चात आप पीले वस्त्रों का धारण करें।
आप अपने घर के पूजा स्थल पर धन की देवी माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की मूर्ति स्थापित करें और इनकी पूजा की तैयारियां कर लीजिए, इनकी पूजा के दौरान आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि आप अपना मुंह पूर्व दिशा की तरफ करें और कुश के आसन पर बैठे।
आप भगवान गणेश जी की प्रतिमा की हल्दी से पीले किए हुए चावल पर विराजित कीजिए और धन की देवी माता लक्ष्मी जी को कुमकुम से लाल किए हुए चावल पर विराजित कीजिए।
अब आपको इन दोनों देवी-देवताओं को पंचामृत से स्नान करवाना होगा, जब आप इन दोनों देवी देवता को स्नान करा ले, तब आप गणेश जी को चंदन, लाल फूल अर्पित कीजिए और माता लक्ष्मी जी को कुमकुम और लाल फूल अर्पित कीजिए।
आप इनको भोग के रूप में गुड़ के लड्डू और दूध से बनी हुई खीर अर्पित कर सकते हैं इसके बाद आपको सुगंधित अगरबत्ती जलाना होगा और दीप जलाकर लक्ष्मी-गणेश जी की आरती कीजिए।
आप इनकी पूजा में लक्ष्मी विनायक मंत्र “दन्ताभये चक्र दरो दधानं, कराग्रस्वर्णघटं त्रिनेत्रम्।, धृताब्जया लिंगितमब्धिपुत्रया लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे।।, श्रीं गं सौम्याय गणपतये वर वरदे सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।।” का 108 बार जाप कीजिए,
आप इस मंत्र का जाप करने के लिए कमल के गट्टे की माला का इस्तेमाल कर सकते हैं, और आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि आप इन मंत्रों का उच्चारण ठीक प्रकार से करें
जब आपकी पूजा पूरी हो जाए तब आप आखिर में भगवान से अपने द्वारा हुई गलतियों की क्षमा मांगें और अपनी मनोकामना को पूरा करने की इनसे प्रार्थना कीजिये, इसके पश्चात आप पंचामृत और प्रसाद को ग्रहण करें।
माता लक्ष्मी की ऐसी मूर्ति घर पर रखें, जिसमें मां कमल के फूल पर विराजमान हों।
उल्लू पर विराजमान मां लक्ष्मी की मूर्ति या प्रतिमा घर पर न लाएं। दीवार से सटाकर न रखें मां लक्ष्मी की मूर्ति। मां लक्ष्मी की प्रतिमा का मुख हमेशा उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए। जिस मूर्ति में मां लक्ष्मी खड़ी हों, ऐसी मूर्ति न लाएं।
धार्मिक मान्यता अनुसार यदि उपरोक्त बताई गई सरल विधि से आप भगवान गणेश जी और माता लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं तो इससे इनकी कृपा दृष्टि आपके ऊपर हमेशा बनी रहेगी और आपके घर परिवार की निर्धनता दूर हो सकती है, धन से जुड़े हुए मामलों में आपको अच्छा लाभ मिलेगा, इस सरल विधि से पूजा करके आप अपने जीवन से धन की कमी को दूर कर सकते हैं और धन प्राप्ति के बहुत से मार्ग आपको हासिल होंगे।
प्रमाण :-
इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)
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