धर्म डेस्क:- मां वैष्णो देवी जगत जननी है। पाप नाशनी, दुख हरिणी है। माता के केवल दर्शन मात्र से ही सब पाप मिट जाते है। कहते है माता के दरबार से कभी कोई खाली हाथ वापस नहीं लौटता, माता अपने सभी भक्तों की मुरादें पूरी करती है। अगर आप अभी तक माता के दरबार नही गए तो एक बार जरूर जाएं। तो चलिए जानते है क्या है मां वैष्णो देवी से जुड़े रहस्य।
हिंदू महाकाव्य के अनुसार, मां वैष्णो देवी ने भारत के दक्षिण में रत्नाकर के रामेश्वर तट घर पर जन्म लिया। उनके लौकिक माता-पिता लंबे समय तक नि:संतान थे। उसी प्रान्त माता वैष्णो देवी ने रतनागर सागर के घर में जन्म लिया। दैवी बालिका के जन्म से एक रात पहले, रत्नाकर ने वचन लिया कि बालिका जो भी चाहे, वे उसकी इच्छा के रास्ते में कभी नहीं आएंगे। मां वैष्णो देवी को बचपन में त्रिकुटा नाम से बुलाया जाता था। बाद में भगवान विष्णु के वंश से जन्म लेने के कारण वे वैष्णवी कहलाईं।

जब त्रिकुटा 9 साल की थीं, तब उन्होंने अपने पिता से समुद्र के किनारे पर तपस्या करने की अनुमति चाही। त्रिकुटा ने राम के रूप में भगवान विष्णु से प्रार्थना की और भगवान राम को पति रूप में पाने के लिए तपस्या शुरू कर दी। सीता की खोज करते समय श्री राम अपनी सेना के साथ समुद्र के किनारे पहुंचे। उनकी दृष्टि गहरे ध्यान में लीन इस दिव्य बालिका पर पड़ी। जब राम और त्रिकुटा की पहली मुलाकात हुई तब देवी त्रिकुटा ने राम को पति रूप में पाने की इक्छा प्रकट की तब भगवान राम ने त्रिकुटा को कहा मैने इस अवतार में एक पत्नी विर्त रहने का वचन लिया है। मेरा विवाह देवी सीता से हो चुका है। मैं आपसे विवाह नहीं कर सकता। त्रिकुटा ने श्री राम से कहा कि उसने उन्हें अपने पति के रूप में स्वीकार किया है। श्री राम ने उसे बताया कि उन्होंने इस अवतार में केवल सीता के प्रति निष्ठावान रहने का वचन लिया है।

तब भगवान राम ने कहा की लंका से लौटते समय जब में आपके पास आऊंगा तब अगर आपने मुझे पहचान लिया तो में आपसे विवाह अवश्य करूंगा। श्री राम अपना वचन निभाने के लिए। लंका से लौटकर त्रिकुटा के पास आये लेकिन भगवान राम की माया के कारण त्रिकुटा उन्हें पहचान न सकी त्रिकुटा के दुःख को दूर करने के लिए। श्री राम ने कहा की देवी आप त्रिकुटा पर्वत पर स्थित गुफा में जाकर मेरी प्रतीक्षा कीजिये। कलयुग में जब मेरा अवतार होगा तब में आपसे विवाह अवश्य करूंगा तब तक महावीर हनुमान आपकी सेवा में रहेंगे। इसी प्रकार भगवान राम के आदेश के अनुसार आज भी वैष्णो माता प्रतीक्षा कर रही है और अपने दरबार में आने वाले भक्तो के दुःख दूर कर उनकी झोली भर रही है।
प्रमाण :-
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(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)
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