धर्म डेस्क:- राम भक्त हनुमान स्त्रियों को माता स्वरूप मानते हैं ऐसे में कोई महिला उनके चरणों के सामने झुके, वह उन्हें पसंद नहीं आता। हनुमान जी अखण्ड ब्रह्मचारी व महायोगी भी हैं इसलिए सबसे जरूरी है कि उनकी किसी भी तरह की उपासना में वस्त्र से लेकर विचारों तक पावनता, ब्रह्मचर्य व इंद्रिय संयम को अपनाएं। महिलाएं हनुमान चालीसा, संकट मोचन, हनुमानाष्टक, सुंदरकांड आदि का पाठ कर सकती हैं। महिलाएं हनुमान जी का भोग प्रसाद अपने हाथों से बनाकर अर्पित कर सकती हैं। महिलाएं लंबे अनुष्ठान नहीं कर सकती।
किसी भी देवी-देवता की पूजा का अधिकार महिलाओं और पुरूषों को एक समान होता है। लेकिन हनुमान जी की पूजा का अधिकार महिलाओं और पुरूषों को एक समान नहीं है। हनुमान की पूजा आमतौर पर पुरुष करते हैं और महिलाएं मंदिर में प्रवेश तक नहीं करती क्योंकि हनुमान जी जीवन भर ब्रह्मचारी रहे। हालांकि महिलाओं के लिए कुछ विशेष नियम हैं। स्त्रियों का हनुमान जी की उपासना करना पूरी तरह से वर्जित तो नहीं है लेकिन हां कुछ चीजें ऐसी हैं कि जिनका पालन स्त्रियों को करना पड़ता है। माना जाता है कि राम भक्त हनुमान स्त्रियों को माता स्वरूप मानते हैं ऐसे में कोई महिला उनके चरणों के सामने झुके, वह उन्हें पसंद नहीं आता। हनुमान जी अखण्ड ब्रह्मचारी व महायोगी भी हैं इसलिए सबसे जरूरी है कि उनकी किसी भी तरह की उपासना में वस्त्र से लेकर विचारों तक पावनता, ब्रह्मचर्य व इंद्रिय संयम को अपनाएं। मंगलवार को भगवान हनुमान का विशेष दिन माना गया है। इस दिन भगवान की पूजा करने से दुख, रोग, संकट और विपदा दूर होती है। हिंदू देवी-देवताओं में एक भगवान हनुमान ही ऐसे है, जिनको छूने की अनुमति महिलाओंं को नहीं दी गई है। कहा जाता है कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे इसलिए कोई भी महिला उन्हें छू नहीं सकती।

कहते हैं कि हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी थे और उन्होंने माता सीता को अपनी मां माना था। इसलिए उनके लिए हर महिला मां सामान है। भगवान हनुमान खुद तो महिलाओं के आगे झुक सकते हैं मगर कोई महिला उनके आगे झुके यह उन्हें मंजूर नहीं। इसलिए महिलाओं को कभी भी हनुमान जी के आगे सिर नहीं झुकाना चाहिए। हनुमान जी की प्रतिमा पर महिलाओं को ना कभी जल और ना कभी भी वस्त्र चढ़ाने चाहिए। ऐसा करना ब्रह्मचारी का अपमान माना जाता है। महिलाओं को हनुमान जी की पूजा में कभी सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए और ना ही उनके चरण छुने चाहिए। हनुमान जी को कुछ भी अर्पित करते समय उनके सामने रखना चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि महिलाओं को हनुमान जी की उपासना नहीं करनी चाहिए।
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