धनतेरस पर खरीदारी करने की परंपरा और मान्यता दोनों हैं। सदियों से ये रीत चली आ रही है की दिवाली का आरंभ धनतेरस की खरदारी से होता है। देवी लक्ष्मी की तरह ही भगवान धन्वंतरि भी सागर मंथन से उत्पन्न हुए हैं। धनवंतरि जब प्रकट हुए थे तो उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था इसलिए इस अवसर पर बर्तन खरीदने की परम्परा है।
धनतेरस पर भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। धनतेरस पर भगवान धनवंतरी की पूजा की जाती है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रियोदशी तिथि को धनतेरस का पर्व मनाया जाता है।

धनतेरस पर पीतल या चांदी के बर्तन खरीदने की परंपरा है। अगर कुछ न हो तो धनतेरस पर गणेश लक्ष्मी की मूर्ति, झाड़ू और धनिए के बीज जरूर खरीदने चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि यह घर में सुख समृद्धि लाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, झाड़ू को माता लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है। धनतेरस पर झाड़ू खरीदने से घर में सुख-समृद्धि और धन में वृद्धि होती है। झाड़ू घर में पसरी दरिद्रता को दूर करती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ाती है। साफ-सफाई से धन की देवी लक्ष्मी आकर्षित होकर वहां वास करती है। धनतेरस के दिन झाड़ू की खरीदारी करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. झाड़ू साफ-सफाई से जुड़ी वस्तु है. कहा जाता है कि जिस घर पर साफ-सफाई का विशेष ख्याल रखा जाता है, वहां धन-वैभव की देवी मां लक्ष्मी का वास होता है। यदि आप धनतेरस के शुभ दिन पर झाड़ू खरीदते हैं तो इससे दरिद्रता दूर होती है और कर्ज से मुक्ति मिलती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें धनतेरस पर फूल, फॉम, प्लास्टिक या बाजार में मिलने वाली अन्य तरह की झाड़ू नहीं खरीदें, बल्कि धनतेरस पर केवल बांस की झाड़ू खरीदना ही शुभ माना गया है
धनतेरस पर धनिए के बीज की खरीदारी को शुभ माना जाता है। कहते हैं कि धनिए के बीज से मां लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए। दिवाली और धनतेरस पर मां लक्ष्मी को धनिया का बीज अर्पित करने के बारे में कहा गया है, कि ऐसे करने से घर में सुख समृद्धि तो आती है, साथ ही मेहनत का फल मिलता है और व्यक्ति संपन्न होता है। इसलिए धनतेरस पर धनिया के बीज या साबूत धनिया जरूर खरीदें। लक्ष्मी जी को अर्पित करने के बाद धनिया का प्रसाद भी बनाया जाता है। इसमें धनिया के बीज को पीस गुड़ के साथ मिलाकर प्रसाद बनाकर सभी को देते हैं।
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(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)
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