धर्म डेस्क:- पुराणों के अनुसार गौ माता में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास होता है। माना जाता है कि पहली रोटी गाय को खिलाने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं। समस्त देवताओं को प्रसन्न करने के लिए एकमात्र गौ माता की सेवा करना ही काफी माना जाता है। गौ माता को पहली रोटी खिलाने से पुण्य मिलता है। समस्त देवताओं को प्रसन्न करने के लिए एकमात्र गौ माता की सेवा करना ही काफी माना जाता है। गौ माता को पहली रोटी खिलाने से पुण्य मिलता है। गाय को कभी भी खाली रोटी नहीं देनी चाहिए। रोटी के साथ चीनी या गुड़ जरूर दें।
हिंदू मान्यता के अनुसार पहली रोटी जब बनती है तो हम गाय माता को खिलाते हैं। वैसे तो सभी भूखे प्यासे प्राणियों को भोजन और पानी देना पुण्य का काम होता है, लेकिन गाय को पहली रोटी खिलाने से पुण्य के साथ-साथ और भी कई लाभ मिलते हैं। कहा जाता है कि गाय में लक्ष्मी जी का वास होता है। आइए जानते हैं गाय को पहली रोटी खिलाने से क्या लाभ होता है। गाय को लेकर भी हिंदू धर्म में ऐसी पौराणिक मान्यता है कि घर में बनी पहली रोटी को गाय को जरूर खिलानी चाहिए। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक खाना बनाते वक्त हमेशा पहली रोटी गाय के लिए बनानी चाहिए। इसके बाद ही परिवार के सदस्यों को खानी चाहिए।

गाय को पहली रोटी देते वक्त कोशिश करनी चाहिए कि गाय की उस रोटी में थोड़ी हल्दी भी मिली हो। इससे गाय को रोटी खिलाने का अपार फल मिलता है। गुरुवार को सने हुए आटे की लोई बनाकर उसमें हल्दी और गुड़ मिलाकर भी गाय को खिलाने से जीवन में आपार सफलता मिलती है। ध्यान रखें कि गाय को कभी भी सूखी रोटी ना खिलाएं। आप रोटी के बीच थोड़ी सी चीनी या गुड़ रखकर ही गाय खिलाएं। संसार में तीन माताओं का वर्णन आता है। जिनका ऋण हम कभी भी उतार नहीं सकते। पहली धरती माता, दूसरी जन्म धात्री माता और तीसरी गोमाता। उन्होंने कहा कि हमारे ऋषियों ने गोमाता की सेवा को प्रमुख स्थान दिया है। गोमाता का स्थान सर्वश्रेष्ठ इसलिए है। क्योंकि एक तो वह अपने बच्चे का हिस्सा हमें प्रदान करती है। गोमाता हमारी संस्कृति की उज्ज्वल प्रतीक है। वर्तमान युग में लुप्त होते प्राचीन गो गौरव को पुन: स्थापित करने व कामधेनु कार्यक्रम के तहत गोधन की वृद्धि व उसका सरक्षंण करना ही संस्थान का लक्ष्य है। हमें अपने बच्चों को गो माता की सेवा करने के संस्कार देने चाहिए। पहली रोटी गो माता के लिए निकालनी चाहिए।
माना जाता है कि गाय को खाना खिलाने से या चारा डालने से घर की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यहां तक की गाय की सेवा से अखंड पुण्य की प्राप्ति होती है। प्राचीन कल से गाय को रोटी खिलाने की भी परंपरा चली आ रही है। ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आखिर क्यों पहली रोटी किसी और जीव को नहीं बल्कि एकमात्र गाय को ही निकाली जाती है।

अक्सर देखने में आता है कि जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो इन गाय को बाहर निकाल देते है। ऐसा हमें नहीं करना चाहिए। गाय को बेसहारा छोड़ने से अच्छा है कि उसे गोशाला आदि में छोड़कर आए ताकि वह भूखी न रहे। हमारे बुजुर्ग हमें सीखा कर गए है कि पहली रोटी गाय के लिए निकाले। गाय को मां का रूप माना जाता है। ऐसे में हमारी मां भूखी ना रहे।अगर मिठाई है तो वह भी रोटी के साथ दे सकते हैं। ऐसा करना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि बैठी हुई गाय को रोटी और गुड़ खिलाना ज्यादा शुभ रहता है। अगर कोई व्यक्ति बहुत अधिक दान—धर्म नहीं कर पाता तो गाय को रोटी खिलाने मात्र से उसे सारे पुण्य प्राप्त हो जाते हैं। गाय को रोटी खिलाने से देवता प्रसन्न होते हैं। इसलिए भगवान को भोग लगाने के तौर पर गाय माता को पहली रोटी खिलाई जाती है। माना जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। परिवार में खुशियों का वास होने लगता है।
प्रमाण :-
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(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)
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