बाबा खाटू श्याम जन्मदिन : Baba Khatu Shyam Birthday

धर्म डेस्क:- धन कमाना जीवन का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण कार्य है| जीवनयापन और एक समृद्ध जीवन के लिए आवश्यक है धन का होना और इसी धन को अर्जित करने के लिए मनुष्य व्यापार या अपना बिजनेस करता है। अगर व्यापार अच्छा चलता है तो जीवन में सुख और समृद्धि बनी रहती है लेकिन यदि व्यापार में घाटा हो जाए या कमाने के बाद भी पैसों में बरकत न हो तो व्यक्ति मुश्किलों से घिर जाता है। ऐसी स्थिति में उसे पैसों से संबंधित कई तरह की परेशानियां घेर लेती हैं जिनसे वह चाहकर भी मुक्ति नहीं ले पाता। कई बार कुछ लोगों की बुरी नज़र की वजह से भी बिजनेस में नुकसान या घाटा होने लगता है तो वहीं कई बार कुंडली में बन रहे ग्रह दोषों के कारण भी कारोबार में बरकत नहीं हो पाती है।जानिए भगवान विष्णु के 12 चमत्कारी दिव्य नाम, जाप करने से मिलेगा लाभ
हिंदू ग्रंथों के अनुसार पूजा के समय यंत्रों का बहुत अधिक महत्व होता है। यंत्रों का आपके जीवन पर सकारातमकप्रभाव पड़ता है। आपकी आर्थिक स्थिति मज़बूत होती है। जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे में आप व्यापार-कारोबार में वृद्धि के लिए व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा कर सकते हैं। किसी विशेषज्ञ ज्योतिषी की सलाह से शुभ मुहूर्त देखकर आप इसे अपने कार्यक्षेत्र पर स्थापित करें। प्रत्येक माह शुक्ल पक्ष में रविवार का दिन इसकी स्थापना के लिए शुभ माना जाता है। इस यंत्र की पूजा करते समय “ऊँ श्री ह्रीं क्लीं महालक्ष्मै नम:” मंत्र का जाप करें। रोज़ाना इस यंत्र की पूजा करने से आपके व्यापार तथा कारोबार में तरक्की होगी।

इस व्यापार वृद्धि यंत्र को दुकान में स्थापित करने और नियमित पूजा करने से आपके व्यापार में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती हैं तथा सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है, धन का आगमन होता है और आय के मार्ग प्रशस्त होते हैं। व्यापार में निरन्तर घाटा होने की स्थिति में इस यंत्र को सम्मुख रखकर मंत्र जपने से व्यापार में आश्चर्यजनक लाभ होता है इस यंत्र की अचल प्रतिष्ठा करके अपने पास रखने से व्यापारियों को अनेक प्रकार से व्यापार और साझेदारी में लाभ होता है।

शुक्ल पक्ष के बुधवार के दिन शुभ मुहूर्त में व्यापार वृद्धि यंत्र के सम्मुख बैठकर माला जप करने से धन का आगमन बना रहता है, व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा नियमित रूप से करनी चाहिए। और पूजा करते समय यंत्र के ऊपर इत्र आदि का छिड़काव करना चाहिए तथा धूप, दीप, नैवद्य अर्पित करने चाहिए इससे रोजगार में वृद्धि होती है. इस यंत्र की नियमित रूप से पूजा पाठ एवं माला जप करने से लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है| व्यापार वृद्धि यंत्र की पूजा फूल, लड्डू, नारियल इत्यादि से करनी चाहिए, व्यवसायियों, दुकानदारों को यंत्र की विधिवत प्राण प्रतिष्ठा करवाकार उसे अपनी दुकान में विधिपूर्वक स्थापित करना चाहिए। व्यापार में यदि दिन-रात मेहनत करते रहने पर भी घाटा हो रहा हो तो उन्हें ऐसे में व्यापार वृद्धि यंत्र की स्थापना पूर्व अथवा उत्तर दिशा में करनी चाहिए। विधिवत प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापित किए गया व्यापार वृद्धि यंत्र समस्त बाधाएं और कष्ट क्लेश दूर करता है|

प्रमाण :-इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’
(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)
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