रक्षाबंधन के अलावा भाई-बहन के प्यार का प्रतीक त्योहार साल में दो बार मनाया जाता है. साल के दो बार भाई -बहन त्योहार होता है दिवाली के बाद भाई दूज होता है. इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं
Bhai Dooj2022:-इसके पीछे कई पौराणिक कथाएं हैं. उनमें से एक देवी यमुना या यामी और उनके भाई यमराज के बीच की कथा है. इस दिन को यम द्वितीया (Yam Dwitiya) भी कहते हैं.ऐसा बताते हैं कि देवी यामी अपने भाई यमराज से बहुत प्रेम करती थी. एक बार वे काफी समय से नहीं मिले थे कि अचनाक दिवाली बाद वे यामी से मिलने पहुंच गए.उस दिन से ही भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई के घर जाते हैं और बहन अपने हाथों से माथे पर तिलक लागती हैं. खुशी में यामी ने तरह -तरह तरह के पकवान बनाए और भाई यम के माथे पर तिलक किया. इससे वे बहुत खुश हो गए और उन्होंने यामी से कुछ मांगने को कहा. इस पर यामी ने अपने भाई से कहा कि वे चाहती हैं कि यम हर साल उनसे मिलने आएं और आज के बाद जो भी बहन अपने भाई के माथे पर तिलक करे उसे यमराज का भय न रहे क्योंकि उसकी बहन का प्यार और दुआ भाई की रक्षा करेगा. यमराज ने यामी को ये वरदान दिया और उस दिन से भाई दूज का त्योहार मनाया जाने लगा. भाई दूज के दिन बहन के हाथ का बना खाना खाने की परंपरा भी है.इससे भाई की उम्र लम्बी होती है

रक्षाबंधन की तरह भाई दूज का त्योहार भी भाई-बहन के सुंदर रिश्ते, प्या का प्रतीक है। दिवाली के बाद भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. भाई दूज का पर्व 27 अक्तूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार भाई दूज कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को आता है। इस वर्ष भाई दूज पर भाई के माथे पर तिलक करने का शुभ मुहूर्त 27 अक्तूबर को दोपहर 12 बजकर 14 मिनट से लेकर 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। - पूजा की थाल में कुमकुम,अक्षत, चंदन, जल, मिठाई, फल और फूल आदि सामग्री की जरूरत होती है।इसके बाद भाई के सिर पर कपड़े का टुकड़ा रखते हुए शुभ मुहूर्त में बहनें तिलक करें।
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(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)
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