धर्म डेस्क। गुरु बिना ज्ञान को पाना असंभव होता है। सौर मंडल में यदि गुरु की बात की जाए तो यह सूर्य के बाद सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति है। इसलिये गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति को माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है। जन्मपत्री में अगर गुरु कमजोर है तो व्यक्ति को कई प्रकार के कष्ट भुगतने पड़ते हैं। वह न तो धन कमा पाता है, न ही उसे वैवाहिक जीवन का सुख मिलता है। इसलिए कुंडली में गुरु को होना जरूरी है । शिक्षक दिवस के मौके पर नक्षत्रों के गुरु बृहस्पति का बखान।
धनु और मीन राशि के स्वामी गुरु/बृहस्पति की मित्रता सूर्य, मंगल, चंद्र से हैं, वहीं शुक्र और बुध इनके शत्रु ग्रह और शनि और राहु सम ग्रह हैं। पुराणों के अनुसार बृहस्पति समस्त देवी-देवताओं के गुरु हैं। वे महर्षि अंगिरा के पुत्र हैं। उनकी माता का नाम सुनीमा है। इनकी बहन का नाम योग सिद्धा है।
गुरुवार की पूजा विधि-विधान के की जानी चाहिए. व्रत वाले दिन सुबह उठकर स्नना करना चाहिए बृहस्पति देव का पूजन पीली वस्तुएं, उपयोग किया जाता है | बृहस्पति देव पूजा में भी पीली समग्री उपयोग किया जाता है जैसे पीला चंदन या फिर हल्दी दाल चना गुड़ आदि उपयोग किया जाती है | बृहस्पति देव केले के पौधे की जाती है | पूजा के बड़ा कथा कही जाती है | इस खाने में भी पीला खाना खा जाता है जैसे पीले चावल बेशन के लड्डू दाल उपयोग किया जाता है
गुरुवार को केसर, पीला चंदन या फिर हल्दी का दान भी किया जाता है। जिससे आरोग्य और सुख की वृद्धि होती है। साथ ही घर में सुख-शांति का वास होता है। अगर आप इनका दान नहीं कर पाते हैं तो कोई बात नहीं इन्हें तिलक के रूप में लगाने से भी लाभ मिलता है | ऐसी मान्यता है कि विष्णु जी मनुष्य के जीवन में आर्थिक सम्पन्नता लाते हैं।गुरुवार को भक्त लोग स्वामी बृहस्पति की भी बड़ी श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं।
जीवन में कई तरह की परेशानियां आती हैं जिनका हम चाहते हुए भी सामना करा पाते है| कुछ समस्याएं जैसे कड़ी मेहनत करने पर भी हमें उसका समाधान नहीं मिलता। घरेलू समस्याएं, मानसिक तनाव जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए गुरुवार को पूजा करने से सुख शांति मिलती है। । इसलिए मान्यता है कि गुरुवार के दिन कपड़े धोना, घर से कचड़े निकालना या घर धोना या घर में पोछा लगाने से ईशान कोण की शक्ति कमजोर होती है।
बृहस्पति देव विद्या,कर्म, व्यक्तित्व, धर्म,नीति के प्रतीक माने जाते हैं. जिसकी कुंडली में बृहस्पति ग्रह मजबूत होता है उसे जीवन में यश, कीर्ति,ज्ञान और सम्मान मिलता है.गुरुवार को लक्ष्मी-नारायण दोनों की एक साथ पूजा करने से जीवन में खुशियां आती है और पति-पत्नी के बीच कभी दूरियां नहीं आतीं। साथ ही धन में भी वृद्धि होती है।भगवान विष्णु की आराधना के लिए बृहस्पतिवार का दिन सर्वोत्तम माना गया है।
प्रमाण :-
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(आपकी कुंडली के ग्रहों के आधार पर राशिफल और आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में भिन्नता हो सकती है। पूर्ण जानकारी के लिए कृपया किसी पंड़ित या ज्योतिषी से संपर्क करें।)
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